Friday, November 16, 2012

दागी बागी और परिवार,वाह रे समाजवादी सरकार: सिद्धार्थ मिश्र‘स्वतंत्र’

सूबे में समाजवादी पार्टी के युवा  नेतृत्व में चल रही सरकार से भले ही समाजवादियों को अक्सर ही फील गुड होता रहता है । इस बात की बानगी चैक चैराहों पर घूमते घामते सपा के कार्यकर्ताओं के तेवर से जानी जा सकती है । उत्साह से भरे सपाइयों के सुर कल तब बिगड़ गये जब माननीय मुलायम जी ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिये अपने प्रत्याशियेां के नामों की घोषणा की ।ऐसा होना लाजिमी भी था क्योंकि उनकी इस सूची को देखकर तो यही लगता है कि उनके शब्दकोष में फिलहाल के समाजवाद शब्द के ध्वंसावशेष भी नहीं बचे हैं । अर्थात समाजवाद की उनकी नयी नवेली व्याख्या फिलहाल सत्य और समाजवाद से कोसों दूर है । कल घोषित हुई 55 उम्मीदवारों के सूची में दागियों बागियों और मुलायम समेत सपा के बड़े नेताओं के परिवारों का दबदबा साफ दिखाई दिया । अब वाकई अगर यही समाजवाद है तो समाजवाद की ये व्याख्या वाकई पुरनिये समाजवादियों की समझ से भी परे हैं ।
कल की घोषित प्रत्याशियों की सूची में मुलायम परिवार से डिंपल यादव,धर्मेंद्र यादव,अक्षय यादव शामिल हैं । हांलाकि आने वाली सूची में मुलायम जी के दूसरे पुत्र प्रतीक यादव का नाम जुड़ने की पूरी संभावना है । इसी तरह सपा के कुख्यात विधायक विजय मिश्र की सुपुत्री सीमा मिश्रा को भदोंही से,पंचायती राज्यमंत्री कमाल अख्तर की पत्नी हुमेरा को अमरोहा से,कृषि मंत्री आनंद सिंह के पुत्र कीर्तिवर्धन सिंह को गोंडा से और उद्यान मंत्री राजकिशोर सिंह के भाई बृज किशोर सिंह को बस्ती से टिकट दिया गया है । इस फेहरिस्त में अभी और भी विवादित एवं परिवारिक जनों के शामिल होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता । हांलाकि पार्टी प्रवक्ता और महासचिव रामगोपाल यादव ने सूची जारी करते हुये कहा कि अपने अधिकृत उम्मीदवारों की सूची सबसे पहले जारी करके सपा ने अन्य दलों पर बढ़त बना ली है । अब उनके इस अति आत्मविश्वास को क्या कहा जाये । बहरहाल सपा के इस प्रकार के टिकट बंटवारे कार्यकर्ताओं का मनोबल अवश्य गिरा है । अंततः सपा के इस नव समाजवाद को देखते हुये यही कहा जा सकता है कि दागी बागी और परिवार,वाह रे समाजवादी सरकार ।

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